
कथाओं के माध्यम से शिक्षा देने की पध्दति एक प्राचीन एवं अनूठी तकनीक है | मुनिश्री क्षमासागर जी महाराज ने “श्री कृष्ण” के कथानक को संक्षिप्तीकरण रूप देते हुए “यशोदा के कन्हैया” पुस्तक की रचना की है | जो कि महाशास्त्र श्री हरिवंशपुराण और पांडवपुराण पर आधारित है |
विविधता से भरे इस कथानक के अध्ययन से मानव जीवन के कई अच्छे-बुरे पक्षों का भान होता है | इसमें नीति है,इसमें न्याय है,इसमें धर्म है,व्यवहार है,आदर्श है,प्रेम है,आसक्ति है,मुक्ति है | सचित्र रेखांकन के द्वारा यह कृति अत्यंत रोचक प्रतीत होती है | मुनिश्री की यह प्रस्तुति प्राचीन कथाओं को सरलीकृत रूप में जन-जन तक पहुँचाने की उनकी भावना को दर्शाती है |
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