
पूज्य मुनिश्री क्षमासागर जी महाराज के जयपुर चातुर्मास (२००२) में दशलक्षण पर्व के अवसर पर दश धर्मो पर दिए गए प्रवचनों का संकलन इस पुस्तक में किया गया है |
वर्तमान समय में जबकि जीवन-जगत आकुलताओं और अशांति से भरा हुआ अविरत दौड़ रहा है,तब मुनिश्री की सौम्य वाणी और निश्चल प्रेम से भरे उपदेश हमें क्षण भर को निराकुलता की ओर ले जाते है,और हमें दिखाते है शांति की वह राह जिससे जीवन सम्यक बन सके | प्रस्तुत कृति जीवन को सहज और सरल बनाने की प्रेरणा से ओत-प्रोत है | “उत्तम क्षमा” से लेकर “उत्तम ब्रह्मचर्य” तक की यात्रा कराती यह कृति अवश्य ही हमारे जीवनोत्थान में सहयोगी बनेगी,ऐसा हमारा पूर्ण विश्वास है |
613, Laxmi Deep Building, LAXMI NAGAR DELHI 110092
Or
Post Box No. 15, Vidisha, Madhya Pradesh-464001
Or
Ayodhya Nagar Ring Road 2, Bilaspur - 495001
samooh.maitree@gmail.com +91 9425424984